सहकर्मियों का भरोसा कैसे जीते | How To Win The Trust Of Coworkers
ऑफिस में अपने साथ काम करने वाले आपके सहकर्मी हो या आपका कोई साथी उनका भरोसा आप पर होना बहुत जरूरी हैं. लेकिन अपने सहकर्मियों का भरोसा कैसे जीते, अपने साथी का भरोसा कैसे जीते? इस तरह के सवाल हमारे मन में आते हैं. और कहा भी जाता हैं “THE MOST EXPENSIVE THING IN THE WORLD IS “TRUST” CHEAP PEOPLE CAN’T AFFORD” किसी का भरोसा जितना आसन काम नहीं. तो चलिए आज हम जनते हैं उन बातो के बारे में जिसे अपना कर आप अपने सहकर्मियों का भरोसा जित सकते हैं.
अपने सहकर्मियों के का भरोसा जितने के लिए निम्न बातों को जानेंगे-
- हाल-चाल के साथ कोई और बात भी पूछे
- एक नहीं, दो बार पूछे हाल-चाल
- बॉडी लैंग्वेज पर ध्यान देते हुए सवाल करें
- लोगों को अपनी बात रखने का माहौल दें
- आपस में रिलेटेड पॉइंट को पकडे
01. सहकर्मियों का हाल-चाल पूछना:-
दोस्तों वैसे तो हाल-चाल पूछना बहुत ही आम बात हैं. हम अक्सर अपने दोस्त-यार से उनका हल चाल पूछते ही रहते हैं. पर हम अपने ऑफिस में अपने सहकर्मियों से यह चीज नहीं पुच पाते. तो आज से आप भी उनका हाल चाल पूछना शुरू कर दीजिये. जब भी आप किसी से उनका हाल-चाल अपने अंदाज में पूछते हैं तो उन्हें लगता हैं की आप उनपर ध्यान देते हैं.
02. हाल-चाल के साथ कोई और बात भी पूछे
अपने सहकर्मियों का भरोसा जितने के लिए याद रखें की यदि कोई कहे कि वो ठीक हैं, तो उनसे कहें कि मान लिया आप ठीक हैं, लेकिन जब कभी आप ठीक ना हों तो जरूर बताइएगा कि आप ठीक नहीं हैं। यह ना भूलिएगा कि मैं हमेशा यहां मौजूद हूं. आपसे बात करने के लिए। जैसे की – थोड़ा रुक कर यह पूछ सकते हैं कि ‘मुझे याद आया आपके पिताजी की सर्जरी थी,अब कैसे हैं वो?इस तरह सामने वाले को अहसास होगा कि आप वाकई उनकी बात ध्यान से सुनते हैं।
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03. एक नहीं, दो बार पूछे हाल-चाल:-
ऑफिस पहुंचकर जब आप किसी से यह पूछते है आपके हाल चल कैसे हैं? एक बार करने सवाल को दोहराइए। उनसे कसिए कि मुझे पता है आपने अभी कहा कि आप ठीक है लेकिन आप वाकई ठीक है? इसके बाद यह माना लगने की कोशिश कर सामने वाला आपको जवाब देने में रितमा सहज महसूस करता है या जवाब देने में नर्वस हैं ।
04. बॉडी लैंग्वेज पर ध्यान देते हुए सवाल करें?:-
किसी भी बात को कहने के तीन तरीके होते हैं-शब्द, टोन और काँटी लैंग्वेज शुके हुए को और माथे पर बल डालकर यदि मैं ठीक बोला जा रहा है. इसका मतलब है शब्द तो बल बोलने के लिए भोले जा रहे है जबकि असल बात कुछ और ही है। ऐसे में यदि आप सहज महसूस को और सामने वाला भी बात करने के लिए तैयार दिखाई तो आगे बहकर उनसे उनकी समस्या भी दी जा सकती।
05. लोगों को अपनी बात रखने का माहौल दें:-
यदि कोई आपसे पूछे कि आप कैसे हैं और आप ठीक नहीं हैं तो ऐसे में केवल इतना कहा जा सकता है कि ‘मैं स्वीकार करता हूं आज मेरा सबसे अच्छा दिन नहीं है। इस तरह आप बात शेयर तो करते हैं लेकिन ओवरशेयरिंग से बच जाते हैं। याद रखें आपको सामने वाले की प्राइवेसी में दखल नहीं देना है। जब तक मांगी ना जाए सलाह देने से बचना चाहिए। यदि कोई बात ना करना चाहे तो सोडावी प्रजाजत दें।
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06. आपस में रिलेटेड पॉइंट को पकडे –
दोस्तों जब भी हम किसी व्यक्ति से बात करते हैं, चाहे वह व्यक्ति आपका सहकर्मी हो, आपका मित्र हो, जान पहचान का हो या अनजान हो. जब आप आपस में उन विषयों और पसंद के बारे में बात करते हैं जो आपस में मिलते जुलते हैं तो ऐसे में सामने वाला व्यक्ति आपसे रिलेट करने लगता हैं. और वह आपको अपनी तरह समझने लगता हैं जिससे उसे आप पर भरोसा करने में कोई संकोच नहीं होता.
सहकर्मियों का भरोसा कैसे जीते? इस सवाल का जवाब और सही तरिका आपको इस लेख में मिल ही गया होगा. यदि आपको यह लेख और इसमें बताई गयी बाते प्रभावी लगी हो तो इसे शेयर जरूर करें.
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